मुझे चरणों में लगाए रखना
मुझे चरणों में लगाए रखना
अपनी भक्ति में डुबाए रखना
भावो की नदियों में बहता जाऊं
प्रेम और श्रद्धा के दीप जलाऊं
तेरे दर पर सदा ही दाता आऊं
हर पल तेरा ही गुण गांऊ
भाव ऐसे ही सदा बनाए रखना
मुझे चरणों में लगाए रखना।
अपनी भक्ति में डुबाए रखना ॥
नशा भक्ति का मुझ पर छाया
अजब मस्ती का आनंद आया
घन श्याम पानी ले अंबर में छाया
हरियाली ले बसंत पतझड़ में आया
भक्तों के संसार को यूं सजाए रखना
मुझे चरणों में लगाए रखना
अपनी भक्ति में डुबाए रखना ॥
ना धन ना माल चाहिए मुझको
ना गाड़ी ना बंगला चाहिए मुझको
ऐशो आराम ना झूठा चाहिए मुझको
प्रेम तेरा दाता बस चाहिए मुझको
‘धर्मवीर’ से प्रभु नाता अटूट बनाए रखना
मुझे चरणों में लगाए रखना
अपनी भक्ति में डुबाए रखना ॥