जीवन की रामनवमी
रामायण पढ़ी अगर तुमने
राम का गुण अपनाया नहीं
अनमोल मिला जीवन तुझको
व्यर्थ चला जाए ना कहीं।
जो राम ने किया जीवन में
तुम भी यहाँ कर सकते हो
मैली चादर जीवन की धोकर
निर्मल तुम भी हो सकते हो।
सबको समान मानो अपने
हर मानव से तुम प्यार करो
बड़े भाग्य से जीवन पाया
मत इसको तुम बर्बाद करो।
रामायण पढ़ी अगर तुमने
राम का गुण अपनाया नहीं
अनमोल मिला जीवन तुझको
व्यर्थ चला जाए ना कहीं।
राम तुझमें रावण तुझमें
तू किसकी शरण में जाएगा
शांति तुझमें अशांति तुझमें
किसको तू अपनाएगा
अगर गया शरण रावण के
जीवन व्यर्थ खो जाना है
अगर गया शरण राम के
जीवन धन्य हो जाना है।
रामायण पढ़ी अगर तुमने
राम का गुण अपनाया नहीं
अनमोल मिला जीवन तुझको
व्यर्थ चला जाए ना कहीं।
जाति धर्म और ऊँच-नीच का
भेद किसी से करो नहीं
आपस में रहना मिलजुल कर
व्यर्थ किसी से लड़ो नहीं।
अज्ञान की पट्टी खोलो तुम
और ज्ञान मार्ग पर चलो सदा
जब घट के पट खुल जायेंगे
तो राम तुझे मिलेंगे यहाँ।
रामायण पढ़ी अगर तुमने
राम का गुण अपनाया नहीं
अनमोल मिला जीवन तुझको
व्यर्थ चला जाए ना कहीं।
मानवता जो अपनाएगा
वही राम भक्त कहलाएगा।
शबरी के झूठे बेर भी
राम प्रभु ने खाए थे
शबरी के सच्चे प्रेम को देख
श्री राम खिंचे हुए आए थे।
गुण अपनाओ जीवन में
जो महापुरुषों ने अपना आए थे।
रामायण पढ़ी अगर तुमने
राम का गुण अपनाया नहीं
अनमोल मिला जीवन तुझको
व्यर्थ चला जाए ना कहीं।