यह जीवन है तुम्हारा
नाम सुमिर लो आज तुम
यह जीवन है तुम्हारा
मानुष जन्म जो आज मिला है
फिर ना मिले दोबारा।
काम क्रोध मद लोभ अहम
यह पांचों है बलवाना
इस दुनिया के जीव ने
अब तक इन्हें न जाना।
ऐसी चाल चले यह अपनी
होश ना रहे ठिकाना
नाम सुमिर लो आज तुम
यह जीवन है तुम्हारा।
आए यहाँ संसार में
लेने अनमोल रतन को
इन पाँचों की चाल में
भूले अपनी अकल को।
यह पाँचों जब पीछे पड़ जाएं
लुट जाए तेरा खजाना
नाम सुमिर लो आज तुम
यह जीवन है तुम्हारा।
और इनसे बड़ी जो माया है
इससे बचे ना कोई
इसकी मार पड़े जब ऐसी
किसी से सहन ना होई।
ऐसी मार ये मारे भारी
तब मानुष चिल्लाया
नाम सुमिर लो आज तुम
यह जीवन है तुम्हारा।
काम क्रोध मद लोभ और
मोह माया का डेरा
इन सब ने है आकर के
तुझको यहाँ पर तेरा
सतगुरु की तुम शरण में जाओ
मिल जाएगा छुटकारा
नाम सुमिर लो आज तुम
यह जीवन है तुम्हारा।