दिल में खोजो ईश्वर को
जरा खोज कर तो देखो दिल में
तेरे दिल में ही उसका धाम है
क्यों ढूँढें बाहर जगत में
तूने अब तक ना की पहचान है।
जंगल जाए धूनी रमाये
ईश्वर तुझे नहीं मिल सकता
ऐसे तो तिरिया भी चूल्हा जलावे
रोजाना का काम उसका।
क्या चूल्हे पर मिले भगवान हैं
पर्दे हटा दे भरम के
अपने दिल में लगा ले ध्यान है।
जरा खोज कर तो देखो दिल में
तेरे दिल ही उसका धाम है
क्यों ढूँढें बाहर जगत में
तूने अब तक ना की पहचान है।
तीरथ जाए गंगा नहाए
मैल ना मन का हटा सका
ऐसे तो मछली भी पानी में रहती
पानी में रहना काम उसका
क्या पानी मिले भगवान है
पर्दे हटा दे भरम के
अपने दिल में लगा ले ध्यान है।
जरा खोज कर तो देखो दिल में
तेरे दिल में ही उसका धाम है
क्यों बाहर ढूँढें जगत में
तूने अब तक ना की पहचान है।
कोई उसको अल्लाह कहता
कोई उसको ईश्वर कहता
घट घट में है वास उसी का
हर जीव में प्रकाश उसी का
अपने अंदर ही उसको जान रे
जीवन में कार्य कल्याण रे।
जरा खोज कर तो देखो दिल में
तेरे दिल में ही उसका धाम है
क्यों ढूँढें बाहर जगत में
तूने अब तक ना की पहचान है।