चेतावनी

पाप की गगरी औंदी कर ले
और छोड़ दे पाप कमाई
अब भी आँखें खोल ले बन्दे
वरना फिर पीछे पछताई।

तू है बाती राम है ज्योति
और साँसों का है तेल
धीरे-धीरे यह जल रहा
बस चार दिनों का मेल।

टूट गया डाली से जो
पत्ता ना लग पाए
मानव जीवन आज मिला
ना फिर तुझे मिल पाए।

जीवन है अनमोल तेरा
इसे पैसे से ना तोल
हर चीज यहाँ बिकती है
पर साँसों का नहीं मोल।

कर ले प्रभु से प्रेम तू
साँसे तेरी ये गिनती में
कितनी तो तूने लुटा दी हैं
जो बची हुई लगा भक्ति में।