जीवन की सफलता

तभी सफल है जीवन तेरा
जब मानवता को जानेगा
सेवक बनकर मानव सेवा
है कर्तव्य आज निभाने का।

ईश्वर प्रेम दया का सागर
और तुम सागर की बूँद हो
बूँद की ताकत को तुम समझो
कंकड़ नहीं कोहिनूर हो
आज बड़ा संकट मानव पर
जग में हाहाकार मचा
आज मौका है सेवा का
मत छोड़ तू इस मौके को।

तभी सफल है जीवन तेरा
जब मानवता को जानेगा
सेवक बनकर मानव सेवा
है कर्तव्य आज निभाने का।

आज करे जो मानव सेवा
प्रभु सेवक तू कहलाएगा
जाने अनजाने जो पाप हुए हैं
मानव सेवा से धुल जाएगा।
आज जो मौका मिला तुझे है
वापिस फिर नहीं आएगा
कल करे सो आज ही कर ले
जीते जी मुक्ति पाएगा।

तभी सफल है जीवन तेरा
जब मानवता को जानेगा
सेवक बनकर मानव सेवा
है कर्तव्य आज निभाने का।

भेदभाव ना करो किसी से
सब को समझो एक समान
जात धर्म और ऊँच-नीच
यह तो शब्द हैं तुच्छ निशान।
मानव से मानव प्यार करे
वही मानव है आज महान
मानव सेवा और उच्च विचार
यह मानवता की है पहचान।

तभी सफल है जीवन तेरा
जब मानवता को जानेगा
सेवक बनकर मानव सेवा
है कर्तव्य आज निभाने का।

भूखे को भोजन करवाओ
रोगी का उपचार कराओ
दीन दुखी भाई बंधु की
दिल से सेवा तुम कर पाओ।
तन से मन से या धन से
कोई भी राह तुम अपनाओ
है आज मिला अवसर तुमको
ना व्यर्थ इसे तुम मत ठुकराओ।

तभी सफल है जीवन तेरा
तब मानवता को जानेगा
सेवक बनकर मानव सेवा
है कर्तव्य आज निभाने का।