दीपक जलाए जायेंगे अब रात आयी है,
अँधेरे भगाये जायेंगे अब रात आयी है ।
देखिये वे साये जो गायब हुए थे शाम में,
वो फिर से नज़र आएंगे अब रात आयी है ।
अपने जिनसे अपनों का क़त्ल कर सकें
खंजर निकाले जायेंगे अब रात आयी है ।
परछाइयां पड़ने लगी दीवार पे फिर से,
बच्चे डराए जायेंगे अब रात आयी है ।
राह का मिटाने तिमिर शम्मा आएगी,
जुगनू टिमटिमाएँगे अब रात आयी है ।
लौटेंगे परिंदे सभी अब डाल पे अपनी,
कट गया है दिन के अब रात आयी है ।
फिर कहीं सजेगी ये तन्हाई की महफ़िल
डूबेंगे शाम जाम में अब रात आयी है ।
कहीं किसी मजबूर के पावों बंधे घुंघरू,
कहते हैं की नाँच तू अब रात आयी है ।
करतूतें दिखेंगी कई उजले लिबास की,
कुछ जिस्म नोंचे जाएंगे अब रात आयी है ।