अब रात आयी है सचिन दुबे दीपक जलाए जायेंगे अब रात आयी है,अँधेरे भगाये जायेंगे अब रात आयी है ।देखिये वे साये जो गायब हुए थे शाम में,वो फिर से नज़र आएंगे अब रात आयी है ।अपने जिनसे अपनों का क़त्ल कर सकेंखंजर निकाले जायेंगे अब रात आयी है ।परछाइयां पड़ने लगी दीवार पे फिर से,बच्चे डराए जायेंगे अब रात आयी है ।राह का मिटाने तिमिर शम्मा आएगी,जुगनू टिमटिमाएँगे अब रात आयी है ।लौटेंगे परिंदे सभी अब डाल पे अपनी,कट गया है दिन के अब रात आयी है ।फिर कहीं सजेगी ये तन्हाई की महफ़िलडूबेंगे शाम जाम में अब रात आयी है ।कहीं किसी मजबूर के पावों बंधे घुंघरू,कहते हैं की नाँच तू अब रात आयी है ।करतूतें दिखेंगी कई उजले लिबास की,कुछ जिस्म नोंचे जाएंगे अब रात आयी है ।