भारत रत्न

यह भारत देश महान है
यूँ महान नहीं कहलाता है
यह ज्ञानी पुरुष महावीरों की
महापुरुषों की पावन गाथा है।

सिद्धार्थ से वह बुद्ध बने
और बोध से वह शुद्ध बने
जब बोध हो गया घट अपने
हिंसा रहित परोपकारी बन
थोड़े दुनिया के झूठे सपने
अहिंसा परोपकारी गौतम बुद्ध
लोग लगे ईश्वर जपने।

यह भारत देश महान है
यूँ महान नहीं कहलाता है
यह ज्ञानी पुरुष महावीरों की
महापुरुषों की पावन गाथा है।

दशमेश गुरु गोविंद सिंह वीर पुरुष
संसार में जिन की गाथा है
यूँ ही संसार उन्हें ज्ञानी
वीर योद्धा नहीं कहता है
केवल चालीस वीरों ने
लाखों की फौज पछाड़ी थी
चोला पहना कुर्बानी का
ना हार उन्होंने मानी थी।

यह भारत देश महान है
यूँ महान नहीं कहलाता है
यह ज्ञानी पुरुष महावीरों की
महापुरुषों की पावन गाथा है।

खेती है यह वीरों की
यहाँ वीर ही पैदा होते हैं
दुकान है यह जौहरी की
चमक हीरो में होती है
सुखदेव भगत सिंह और आजाद
सुभाष चंद्र की फौज यहाँ
यह महान देश, महावीरों से
महानता महान है आज यहाँ।

यह भारत देश महान है
यूँ महान नहीं कहलाता है
यह ज्ञानी पुरुष महावीरों की
महापुरुषों की पावन गाथा है।

इस भूमि पर भक्तों ने जन्म लिया
और भक्ति का प्रचार किया
ह्रदय में प्रभु को पाकर के
यह जीवन अपना धन्य किया।
पहलाद, नरसी, ध्रुव यहाँ
नानक,मीरा भी, यहाँ कबीर
हरि प्रेम दीवाना मैं भी हूँ
और प्रेमरसी हूँ धर्मवीर।

यह भारत देश महान है
यूँ महान नहीं कहलाता है
यह ज्ञानी पुरुष महावीरों की
महापुरुषों की पावन गाथा है।