भारत की संस्कृति महान

इतने बड़े जहान में
भारत की संस्कृति महान हैं
हर प्राणी से प्रेम करें
और माने एक समान हैं।

बड़े भाई को पिता समान
भाभी को माता कहते हैं
मात पिता और गुरुजनों को
ईश्वर का दर्जा देते हैं
यह महान है इतना क्या कहूँ
शब्द थोड़े पड़ जाते हैं
यह करता है करनी ऐसी
पत्थर भी फूल बन जाते हैं।

इतने बड़े जहान में
भारत की संस्कृति महान है
हर प्राणी से प्रेम करें
और माने एक समान है।

पतिव्रता पत्नी हैं यहाँ
गंगा जी पवित्र होती हैं
केवल पति अपने के सिवा
ना ख्याल किसी का करती हैं
जीवन सारा जिये सम्मान से
मनसे निष्पाप वह रहती है
नारी में सीता और नर में पुरुष
सत्यवान सावित्री होती है।

इतने बड़े जहान में
भारत की संस्कृति महान है
हर प्राणी से प्रेम करें
और माने एक समान है।

देवकी और यशोदा जैसी
हैं यहाँ अनेकों माताएं
नौ दस मास कोख में रखकर
बोझा संतान का सहती है
एक माता वह जिसने पाला
वह प्रेम निछावर करती है
गीले में खुद सो जाती है
और सूखे में पुत्र को रखती है।

कितने बड़े जहान में
भारत की संस्कृति महान हैं
हर प्राणी से प्रेम करें
और माने एक समान है।

कृष्ण सुदामा से मित्र यहाँ
दोनों के बीच कोई भेद नहीं
एक निर्धन है और एक राजा
ना कम किसी में स्नेह नहीं
नानक मीरा और कबीर से
महापुरुष आज भी हैं यहाँ।

आत्म ज्ञान बांटे सबको
भक्ति का मार्ग दिखाए यहाँ
अंधविश्वास का पर्दा हटा कर
सत्य स्पष्ट दिखाए यहाँ
संदेश शांति और सेवा से
मुक्ति का मार्ग दिखाए यहाँ।

इतने बड़े जहान में
भारत की संस्कृति महान हैं
हर प्राणी से प्रेम करें
और माने एक समान है।