कल का पता नहीं
दिया बड़ा उपहार प्रभु ने, ना मानुष ने सम्मान किया
गिरी छोड़कर छिलका लूटे, अनमोल समय बर्बाद किया।
राम नाम के हीरे मोती
मुफ्त तुझे यहाँ मिलते हैं,
नहीं लगे कोई पैसा इसमें
खुशियों के फूल खिलते हैं।
चलती है आज श्वांस यह
कल का इसका पता नहीं
ना जाने कल कभी ना आवे
यहाँ आज है तू कल रहा नहीं।
दिया बड़ा उपहार प्रभु ने, ना मानुष ने सम्मान किया
गिरी छोड़कर छिलका लूटे, अनमोल समय बर्बाद किया।
मात पिता सुत पत्नी भ्राता
अंत समय कोई काम ना आता
एक फिल्म है यह रिश्तों की
जिसका तू किरदार निभाता।
धन बल रूप जवानी जिनका
बड़ा घमंड है तुझको इनका
काम क्रोध मद लोभ अहम
तुझ पर कभी ना करें रहम।
दिया बड़ा उपहार प्रभु ने, ना मानुष ने सम्मान किया
गिरी छोड़कर छिलका लूटे, अनमोल समय बर्बाद किया।
जिनको कह रहा तू अपना
यह माया का झूठा सपना
धन दौलत सब माल खजाने
एक दिन सब यह यहीं रह जाने
काया माया धन रूप जवानी
यह सब तो एक छिलका है
राम नाम की गिरी तू खा ले
जिसमें सुख सच्चा मिलता है।
दिया बड़ा उपहार प्रभु ने, ना मानुष ने सम्मान किया
गिरी छोड़कर छिलका लूटे, अनमोल समय बर्बाद किया।