मेरे देश का जवान बहादुर
मेरे देश का जवान बहादुर है,जो देश की सेवा करता है
आ जाए मुसीबत देश पे जो,खड़ा चट्टान सा रहता है।
दुश्मन को धूल चटा दे वो
वह फूल नहीं अंगार है
जब चलता है रणभूमि में
यह ऐसा वीर जवान है
जब कूद बड़े मैदान में
तलवार की तेज धार है
एक बार में कई सिर काटे
ये ऐसा शेर जवान है।
मेरे देश का जवान बहादुर है,जो देश की सेवा करता है
आ जाए मुसीबत देश पे जो,खड़ा चट्टान सा रहता है।
ना हिला सके दुश्मन कोई
यह ऐसा एक चट्टान है
छा जाए दुश्मन पर जो
इसकी यह पहचान है
नजर उठाए कोई दुश्मन
बक्शा नहीं कोई जाएगा
भारत के इन वीरों से
हर बार वह मुँह की खाएगा।
मेरे देश का जवान बहादुर है,जो देश की सेवा करता है
आ जाए मुसीबत देश पे जो,खड़ा चट्टान सा रहता है।
यह भारत देश दयालु है
दया यहाँ की जाती है
भारत देश महान है
यह प्रेम सभी से करता है।
गौतम बुद्ध के उपदेशों का
पालन भी यहाँ पर होता है
समझे जो अहिंसा को कमजोर
वह शीश पकड़ कर रोता है।
मेरे देश का जवान बहादुर है,जो देश की सेवा करता है
आ जाए मुसीबत देश पे जो,खड़ा चट्टान से रहता है।
गौतम कबीर और मीरा की
यहाँ अमृतवाणी बहती है
यह वाणी एक निर्मल धारा
मूर्ख को ज्ञानी करती है
जात धर्म रंग रूप नहीं
ना भाषा देखी जाती है
कागा जैसे मूर्ख अज्ञानी
को बिरला निपुण बनाती है।
मेरे देश का जवान बहादुर है,जो देश की सेवा करता है
आ जाए मुसीबत देश पे जो,खड़ा चट्टान सा रहता है।