दौर

ये दौर भी बदल जाएगा,
ये दौर कभी देखा ना सुना,
इसने सारा संसार चुना
ये वक्त भी बदल जाएगा।

अदृश्य जीव ऐसा आया,
कोई हथियार ना काम आया
सब बेबस और लाचार हुए
अस्त्र और शस्त्र बेकार हुए।

मानव ने बहुत की मनमानी,
प्रकृति ने अब अपनी ठानी
जब क्रोध शांत हो जाएगा,
अस्तित्व करुणा बरसाएगा।
ये दौर भी बदल जाएगा।
ये दौर भी बदल जाएगा।