जीवन

सागर की लहरों सा जीवन
लहरों पर लहरें आती हैं
सुख की लहरें दुख की लहरें
हर बार नया कुछ लाती हैं।

आंसू लेकर इक लहर चली
तो दूजी ले मुस्कान चली
कभी सुख की छांव कभी दुख की धूप
यह चलता चक्र निरंतर है
जब नभ में भानु रथ दौड़ेगा
तब दूर शोक का तम होगा।

सम भाव रखें हम सुख दुख में
सहज रहें हम प्रति पल में
फिर सरल सरस जीवन होगा
और नित नूतन अनुभव होगा।