अहसास सुमन शर्मा हर बार हाथ थामाजब भी थे हम डगमगाएइक पल को यूं लगा थागिर जाएंगे ज़मीं परतुम सामने खड़े थेतुम्हें देख मुस्कुराए।तूफ़ान में घिरे थेसाहिल का ना पता थातुमने संभाली कश्तीऔर ले किनारे आए।