कभी खामोश तन्हा हो तो मुझको याद कर लेना कभी मेरे लिए भी तुम कोई फरियाद कर लेना कभी खामोश तन्हा हो तो मुझको याद कर लेना ।
है तेरी आस ही मुझको नहीं दूजा सहारा है सिवा तेरी भरी दुनिया में ना कोई हमारा है कभी सुख में कभी दुख में हमें भी साथ कर लेना कभी खामोश तन्हा हो तो मुझको याद कर लेना ।
कि जब चेहरा किसी का खुद-ब-खुद तुमको दिखाई दे कि जब आवाज कोई साज बन तुमको सुनाई दे तभी फिर गीत कोई याद कर तुम गुनगुना लेना कभी खामोश तन्हा हो तो मुझको याद कर लेना ।
बहुत कोशिश करी खुद को भी खुद से भूल जाने की करी है लाख कोशिश खुद-ब-खुद, खुद को मिटाने की मुझे खुद भूल कर तुम मेरी मुश्किल आसां कर देना कभी खामोश तन्हा हो तो मुझको याद कर लेना ॥