नेता जी सचिन दुबे राजनीति करो खूब नीति पे न करो राज़राजनीति के लिए न नीति छोड़ो नेता जी ।एक कौम से न लोकतंत्र चल सकता है।छोड़ दिया एक ने तो खेल ख़त्म नेता जी ।बाँट दिया तुमने तो इंसानों को जातियों मेंभगवान को तो छोड़ देते प्यारे नेता जी ।राम जी के नाम से ही कुर्सी मिली थी तुम्हेंकरते परहेज राम ही से बोलो नेता जी ।भीम की भी बात नहीं मानते हो भीम को भीभीम कभी भूला नहीं राम मेरे नेता जी ।