पुणे की रहने वाली शकीला सहर युवा रचनाकार हैं। हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में कविताओं का सृजन करती हैं। पद्य और गद्य दोनों विधाओं में सक्रिय हैं, कॉलेज के दिनों से ही लेखन की अभिरुचि रही है। अपने एमबीए किया है और एक निजी कंपनी में नौकरी करती हैं। कवि सम्मेलनों और मुशायरों में सक्रिय रूप से प्रतिभाग करती हैं। शायरी के अलावा पेंटिंग, बागवानी और पर्यावरण में भी आपकी गहरी रुचि है। देश भर की हिन्दी उर्दू पत्र पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं।