ख़ुद को बचा ख़ुदी से बचे ही रहेंगे हम निज़ाम फतेहपुरी ख़ुद को बचा ख़ुदी से बचे ही रहेंगे हम। कल भी भले थे सबके भले ही रहेंगे हम।।साज़िश तमाम हो रही सच को मिटाने की। मिटने न देंगे सच को अड़े ही रहेंगे हम।।होता नहीं रईस कभी जो अमीर है।पैदा हुए रईस बने ही रहेंगे हम।।नफ़रत है उनके दिल में हमारे लिए भरी।अच्छा करेंगे फिर भी बुरे ही रहेंगे हम।।हमको गिराने वाले तो ख़ुद गिर गए ‘निज़ाम’।जब तक ख़ुदा है साथ उठे ही रहेंगे हम।।