बुरा गर करोगे बुराई मिलेगी

बुरा गर करोगे बुराई मिलेगी,
भला जो करोगे भलाई मिलेगी।

ये दुनिया का है यार दस्तूर ऐसा,
जो जैसा करेगा भरेगा वो वैसा।
कभी सोचते हम किसी का बुरा है,
तभी संग में अपने होता बुरा है।

ज़माने की बस जग हंसाई मिलेगी,
बुरा गर करोगे बुराई मिलेगी।

सज़ा ज़िंदगी की अगर काट लोगे,
ग़रीबों के दुख दर्द तुम बाँट लोगे।
तभी वो ख़ुदा कुछ करिश्मा करेगा,
तुम्हें फिर चमकता सितारा करेगा।

उसी दिन तुम्हें वो ऊँचाई मिलेगी,
बुरा गर करोगे बुराई मिलेगी।

नहीं सोचिए हम ने क्या खो दिया है,
नहीं तुम ने अपना ख़ुदा खो दिया है।

नहीं हर क़दम साथ देगी ये दौलत,
मिलेगी नहीं अंत में फिर मौहलत।

वहाँ सिर्फ़ उसकी ख़ुदाई चलेगी,
बुरा गर करोगे बुराई मिलेगी।