तुम्हारी याद पे पहरा किसी का हो नहीं सकता
तुम्हारी याद पे पहरा किसी का हो नहीं सकता,
किसी भी हाल में अब मैं तो अच्छा हो नहीं सकता।
ज़माने में मोहब्बत की कोई क़ीमत नहीं होती,
मोहब्बत है जिसे दुनिया की फिर चाहत नहीं होती।
तुम्हारे बिन हमारा हाल क्या है कह नहीं सकते,
बिना तुम से मिले हम यार ज़िन्दा रह नहीं सकते।
करे जो प्यार में धोखा वो सच्चा हो नहीं सकता,
किसी भी हाल में अब मैं तो अच्छा हो नहीं सकता।
लगे हैं लोग देखो प्यार वालों को डराने में,
मगर होती नहीं है हार उन की तो ज़माने में।
किया है प्यार गर हमने कहो इस में ख़ता क्या है,
अगर है प्यार करना ज़ुर्म तो बोलो सज़ा क्या है।
तुम्हारे प्यार का ये रंग फ़ीका हो नहीं सकता,
किसी भी हाल में अब मैं तो अच्छा हो नहीं सकता।