आत्मा की मृत्यु भी दो तरीके से होती है पहले वे लोग जिनकी आत्मा मरी और वे दूसरे की आत्मा भी मार रहे हैं यातना देना इन्हें सुख देता है इनकी बुद्धि इनकी नैतिकता को मारती है दूसरे वे जिनकी आत्मा मरी और वे चिर एकांत में चले गये उन्हें नही भाता कभी प्रश्न करना उत्तर देना ये अपनी ही आत्मा को बार बार मारते हैं करते हैं अंतिम संस्कार अपनी हर ईच्छा का इनकी नैतिकता इनकी बुद्धि मारती है।