जो कठोर रहे
जो जितने कठोर रहे दूसरों के प्रति
अपने प्रति उससे अधिक कठोर रहे
कठोर देखने वाला कठोरता महसूस कर पाता है
कठोरता करने वाला
कठोरता को जीता है।
जितनी कम बातें उन्होंने की
उन्हें, उतनी बातें सुननी पड़ी
शब्दों की कमी सुनने वाले के
घंटे खराब करती है
और कहने वाले का सारा जीवन।
दूसरों को दुःख देते वक़्त
दुःख सहने वाले को पीड़ा हुई
दुःख देते वक़्त
देने वाले को पीड़ा संग अवसाद हुआ
देने वाले का मन ज़्यादा दुखा।
सही की राह पर चलने वाले
हमेशा गलत साबित होते रहे
सही की राह में गलती करना
गलत से भी ज़्यादा गलत हो जाता है।
न्याय देना चाहते थे वे
अन्याय के भागीदार बने रहे
सबको एक नज़र और एक समानता चाहिये
पर सिर्फ तब तक जब तक वे पंक्ति से बाहर खड़े हों।
दूसरे की टूटन जोड़ने की सोच
उनके मन को खुरचती रही
जीवन भी काँच सा है
टूटन छूने पर लहू बहेगा ही
जीवन लकड़ी की फांस सा है
ज़्यादा सहलाने पर कहीं धंसेगा ही।
सबको माफ़ करने वाले को
कभी माफ़ी नहीं मिलती
अपने कर्तव्य के प्रति अंधभक्ति
आपके हिस्से में उम्मीदें भर देती है
एक उम्मीद पर खरा उतर सकना
आपको माफ़ी के काबिल नहीं रखता।
वे माफ़ी माँगने में शर्म महसूस करते हैं
उनकी शर्म उन्हें घमंडी बनाती है
उम्मीद पूरी करने वालों को
ये अधिकार नहीं कि
वे एक बार बिना माफ़ी माँगे
माफ़ किये जा सकें।
प्रेम बसता है उनके मन में
जो अपमान सहना जानते हैं
दया जानता है वह मन
जो अपमान भूलना जानते हैं
अगर वे कुछ नहीं जानते हैं
तो सिर्फ़ इतना कि
लोगों को पीछे छोड़ आगे बढ़ जाना।
आँखें भीड़ देख नहीं बहती
उनकी स्तिथि उस गाय सी होती है
जो अपना बच्चा जनना चाहती है
पर एकांत ढूंढ रही है
पीड़ा में एकांत सबको नसीब नहीं होता
कुछ आँखे भी एकांत चाहती हैं
आँखों का सबके सामने ना बहना
कम इंसानियत का प्रमाण है।
अपनी नज़र से जो जाते देखता है अपनों को
वे अपने तक कभी नहीं लौट पाता
जाने वाले का मुड़कर ना देखना
उसके मन का एक हिस्सा बांध ले जाता है
आत्मा के टुकड़े होते हैं
दिखते नहीं पर होते हैं
कुछ लोग ऐसे भी मरते हैं
कुछ लोग ऐसे भी मरते हैं !!