दीदार हो गया

रुख़ से नक़ाब जब उठा, दीदार हो गया
वल्लाह लफ्ज़ हर मेरा, अशआर हो गया।

दीवानगी में आपकी, गाफिल हैं इस कदर
हर दोस्त ताने दे रहा, कहां यार खो गया।

सेहत हमारी ठीक थी, रहते थे मौज में।
कि नज़रे करम है आपका, बीमार हो गया।

गुस्ताखियों से दूर था, ये दिल सनम मेरा
दिलकश अदा से आपकी, खतावार हो गया।‌

शामिल हो रुह में मेरी, इक ‘राज’ की तरह
खुद से ही हमको बेसबब, अब प्यार हो गया।