एहसास

क्या मालूम था मीलों तक
यूँ पसरा सन्नाटा होगा,
मेरे दिल से तेरे दिल तक
कुछ तो आता जाता होगा।

मुड़कर मेरी ओर न देखा
उसने दूर जाने के बाद,
मुमकिन हैं वहां कोई
उसका साथ निभाता होगा।

घुटनों के बल झुक कर जब
कुछ बच्चों से बातें की,
तब जाना कि तेरे दर पे
क्यों वह शीश झुकाता होगा।

माना कि उस ताकतवर की
जिद के आगे सब बेबस हैं,
पर कोई तो डर होगा
जो उसको धमकाता होगा।

आओ मिलकर रहने की
फिर एक कोशिश कर लेते हैं,
मेरी तरह तेरा दिल भी
तुमको यह समझाता होगा।