हर वो खाली जगह

हर वो खाली जगह
जो मैंने अपने होने से भर दी थी,
मेरे ना होने से खाली नही होगी,
वो हर कोना जहाँ
मैं उठती, बैठती, चलती हूँ,
आबाद रहेगा मेरी गैरमौजूदगी में भी,
हर सुबह, हर शाम उतनी ही खुशनुमा होगी,
जितनी मेरे होने पर सज जाया करती है,
हर खूश्बू उतनी ही भीनी,
खूबसूरत होगी,
हर रंग वैसा ही गजब का होगा खिला,
क्योंकि हर जगह,
हर कोने को दे जाउंगी अपनी यादों का अल्बम,
हर पल दिखेगी उसमें मेरी तस्वीर,
हर सुबह,
हर शाम को दे जाउंगी अपना आईना,
मिलेगा हूबहू उसमें मेरा अक्स,
हर खूश्बू,
हर रंग को दे जाउंगी अपनी रंगीन,
महकती ख्वाहिशें,
कि मचल कर
सजा देंगे एक खूबसूरत सा नजारा,
मैं हर जगह मुस्कुराउंगी
मेरे ना होने के बाद भी।