मरते हुए लोग

मरते हुए लोग अच्छे नही लगते,
अच्छे नही लगते मौत का डर पाले हुए लोग,
चौबीस घंटे,
एक हजार चार सौ चालीस मिनट,
छियासी हजार चार सौ सेकेंड…
एक दिन में हजार दफा मरते हैं,
मरते हुए लोग मुस्कुराते नही,
सपने नही देखते,
करते नही प्यार,
जीते नहीं है ये मरते हुए लोग,
पर जब मौत से डरते नही हैं,
मुस्कुराते हैं,
देखते हैं सपने,
करते हैं प्यार,
जीते हैं जिंदगी,
तो कभी मरते नही हैं
वो मरते हुए लोग,
क्योंकि जब हम मुस्कुराते नही,
सपने नही देखते,
करते नही प्यार,
जीते नही हैं जिंदगी,
तो हम मरने लगते हैं,
और मरते हुए लोग अच्छे नही लगते।