सपना-अपना

सपना तो सपना होता है
सपना कब अपना होता है,
टूटे जाने कितने सपने
सपना टूटे, गम होता है ।

टूटे सपना , आँख न हो नम
क्या गम, इतना कम होता है,
असली खुशियाँ तब मिलती हैं
निज सपना, जब सच होता है ।

सारी उम्र कसकता रहता
अपना, जब सपना होता है,
अपना, अपना कर्म है, “सागर”
बाकी सब सपना होता है ।