किस्मत का धनी

धरती से उठा कौन, जो किस्मत का धनी है,
गिर कर के उठा कौन,जो किस्मत का धनी है ।
मंजिल ही यहाँ खोज रहे, सारे मुसाफिर,
पाया है भला कौन, जो किस्मत का धनी है ।

माला को पिरोता तो है, चुन-चुन के ही माली,
पहने है गले कौन, जो किस्मत का धनी है ।
हम डुबकी लगाते हैं, तलाशें भी तो मोती,
पाता है मगर कौन, जो किस्मत का धनी है ।

जीवन तो है इक नाव, जो दरिया में तिरे है,
पर पार लगे कोन, जो किस्मत का धनी है ।
लड़ते हैं सभी युद्ध औ’ मिलती है शहादत,
इतिहास रचे कौन, जो किस्मत का धनी है ।

मिलने की कसम खाते, मुहब्बत में सभी हैं,
‘मोही जी’ मिले कौन, जो किस्मत का धनी है ।