ज़िन्दगी

ज़िन्दगी में जो आसां न हो, वो किया जाये
अगर कोई आपके बिन मरता है,
तो मरने दिया जाये।

दुनिया थमेगी नहीं तेरे बिना भी मेरी
शौक था बहार का,
तकदीर में सहरा है तो रहने दिया जाये।

तेरी बाँहों में गुरबत भी हसीं लगती हमको
अब लकीरों में सोने का पिंजरा है तो
कैद रहा जाये।

हम बुरे हैं या तुम अच्छे,
बहस को अब खत्म किया जाये
घर के हालात तो पेंचीदा हैं,
रिश्तों पर ही थोड़ा रहम किया जाये।

सांसों का थमना ही तो मौत नहीं होती
जज्बातों का मिटना भी
इसी शफ मे शामिल किया जाये।

ख्वाब तो मिल के देखे थे तो हमसे पूछ भी लेते
इज़ाजत मांगी जो तुमने आने की,
जाने की इज़ाजत भी अब हमसे ही लिया जाये।