कुछ अनकहे सवाल
गर तुमने अपना माना होता।
तो हाल ना यूँ बेगाना होता॥
रहते हरदम ही पास तुम्हारे।
खुशियों से भरा तराना होता॥
होते हर इक लम्हे में हम ही।
साथ नया ही अफसाना होता॥
ना आता कोई गम पास तुम्हारे।
क्योंकि गुजर के उसको हमसे ही।
पास तलक तेरे आना होता॥
ना होते कोई भी शिकवे शिकायत।
महफ़िल का ही अफसाना होता॥
रहते हम हरदम साथ तेरे ही।
प्यार भरा हर नजराना होता॥
जब तुम हमको याद करोगे।
हम खुद ही समीप आ जायेंगे॥
रखकर के अहसासों को दिल में।
हम हर लम्हे को सुखद बनायेंगे॥
हम प्यार का जहाँ बसायेंगे।
तुमको दिल से अपनायेंगे॥
लेकर के हम साथ तुम्हीं को
सहस्त्र वर्ष जी जायेंगे॥