कुछ बातें बात अहसासों की

जो भी होता है दिल में तुम्हारे।
हम झट से समझ ही जाते हैं॥
तुम लाख छिपाओ हालत अपनी।
हम फ़िर भी समझ ही जाते हैं॥

जो ना आ पाये लफ्ज जुबां पर।
वो अहसासों से बतलाते हो॥
अरे मैं क्या बोलूँ अब तुमको।
तुम दीवाना मुझे बनाते हो॥

रिश्ते वही सदा को चलते हैं।
जो अहसासों से बने होते हैं॥
जिसकी नींव हो चट्टान सरीखी।
वो कुछ हालातों से कब डिगते हैं॥

जितना भी हम तुमको समझे।
उस पर हम बस ये कहते हैं॥
कि दुनियाँ की इस भागदौड़ में।
इक तुमसा मिलना असंभव है॥

जिसके हृदय में बसा प्रेम है।
वो ही सच्चाई की मूरत है॥
नहीं लिखीं हैं लाखों बातें।
बस कुछ ही बतलाता हूँ॥

समझ सको तो समझ लो तुम।
कि कहाँ तलक मैं जाता हूँ॥
ऐ भोले नादान से प्राणी।
मैं तेरी सादगी पर ही मरता हूँ॥

नहीं किसी भी बात का अहम है।
तुम खुशदिल खुशदिल लगते हो॥
जब भी हँसते हो मेरी बातों पर।
तो और भी प्यारे लगते हो॥