जब तक रहे ये चमन ये फिज़ा बनके गुलशन जहां मे महकते रहो चाँद तारों से राहें हो रोशन सदा ख़ुशबुओं के साये मे खिलते रहो।
हर रात चाँदनी हो उमंगों भरा हर दिन तुम्हारी तमन्नाओं की हर आस हो मुमकिन साज हो तुम जिंदगी के सरगमों की मौज हो है हमारी आरज़ू तुमसा नही कोई और हो।
न तन्हाइयां हो न रुसवाइयां हो न ग़म हो न ग़म की परछाइयाँ हो जहां भी पड़े तुम्हारी नजर वहाँ बस बहारों की अंगड़ाइयाँ हो।
कोई तूफान गर तुम्हें रोक ले तुम जला दो उसे अपने आवेश से कोई साथी अगर रूठ जाए कभी तुम मना लो उसे प्रेम से प्रीत से दुआओं का दामन मुबारक तुम्हें जन्मदिन तुम्हारा मुबारक तुम्हें।