एक साथ तुम्हारा होगा देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत' ग़म की तड़पाती धूप नहीखुशियों की रिमझिम होगी,तुम साथ चलो तो जीवन कीहर मंजिल मुमकिन होगी।सूरज की किरणों के पंछीगीत वफा के गाएंगे,चाँद खिलेगा मुखड़े परचाहत की टिम टिम होगी।सात सुरों की सरगम कासंगीत दुआयेँ देगा,तन्हाई का शोर नही जबपायल की छ्म-छम होगी।जब हालात की साज़िश सेसब रिश्ते नाते-टूटेंगे,एक साथ तुम्हारा होगाऔर उम्मीदों की महफिल होगी।