मनमौजी देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत' तदा यदा कदा लिएकहाँ चले ध्वजा लिएअरसा हुआ नया लिएफटा मिला सिला लिएहाव भाव ताव मेअभाव के प्रभाव मेपीर सिंधु पार करनगर नगर डगर डगरप्रीत की शिखा लिएद्वार खटखटा लिए।