क्षणिक

जवाब सीधा है सरल है
पीछे कई कठिन सवाल है
क्षणिक जो भी है
एक लंबा संघर्ष है अंतराल है।

मुस्कुराहटें
जो प्रतिमान हैं
दिव्यता की पहचान हैं
अंतस में समेटे हैं
पीड़ा के कई महासिंधु
यूँ ही नही है
ज्योतिर्मय मधुमय मुख-बिंदु।