दीपावली का संदेश

हर दिन है अनमोल तेरा, ये बात हमें कह जाती है,
हर साल दीवाली आती है, हमको संदेश दे जाती है।

हर साल खुशी मनाते हो
हर बार जो दीप जलाते हो
इक इक दीपक रखते रखते
दीपक की कतार बनाते हो।

तेल खत्म ज्योति बुझ गई, और बाती राख हो जाती है,
हर साल दीवाली आती है,हमको संदेश दे जाती है।

तन है बाती और जीवन तेल
मालिक का अलबेला खेल
आत्म ज्योत है प्रकाशमान
एकदिन बुझ जानी कर ले ध्यान।

कुछ कर करनी इस जग में ऐसी, जो पत्थर को पिघलाती है,
हर साल दीवाली आती है,हमको संदेश दे जाती है।

जीवन की अनमोल घड़ी
हर बार नही ये आएगी
आज नही तो कल होगा
जीवन का सूरज अस्त होगा।

‘धर्मवीर’दीवाली आज मना, और आज घनी ये राती है
हर साल दीवाली आती है, हमको संदेश दे जाती है।