प्रार्थना
प्रभु जी मुझे तुम
हृदय से लगाओ
प्यास है मिलन की
अब इसको बुझाओ।
जैसे सूर्य प्रकाश ना छोड़े
जैसे चाँद चाँदनी ना छोड़े
जैसे दूध सफेदी ना छोड़े
ऐसा ही मेल मेरा तुम्हारा बनाओ।
प्रभु जी मुझे तुम
हृदय से लगाओ
प्यास है मिलन की
अब इसको बुझाओ।
जैसे फूल सुगंध ना छोड़े
जैसे वृक्ष छाया ना छोड़े
जैसे हीरा चमक ना छोड़े
ऐसा ही मेल मेरा तुम्हारा बनाओ।
प्रभु जी मुझे तुम
हृदय से लगाओ
प्यास है मिलन की
अब इसको बुझाओ।
जैसे दर्पण प्रतिबिंब ना छोड़े
जैसे मौसम ऋतु ना छोड़े
जैसे औषधि असर न छोड़े
ऐसा ही मेल मेरा तुम्हारा बनाओ।
प्रभु जी मुझे तुम
हृदय से लगाओ
प्यास है मिलन की
अब इसको बुझाओ।