जीवन की किताब

जीवन एक किताब है
हर पन्ने इसकी श्वांस
प्रेम कथा है लिखी हुई
मुख ना करे उच्चार।
कथा है इसमें मानव की
और जीवन का है सार
जिस जिस ने यह कथा पढ़ी
वही हुए भव सागर पार।
क्षण में पन्ना पलटता है
हर क्षण एक श्वांस घट जाती है
जीवन का सौदा घाटे में
एक श्वांस संपत्ति जाती है।

जीवन एक किताब है
हर पन्ने इसकी श्वांस
प्रेम कथा है लिखी हुई
मुख्य ना करें उच्चार।

सुंदर शब्द है पन्ने पर
जो मुख से पढ़ा ना जाता है
प्रेम शब्द ही लिखा हुआ
हृदय उसको पढ़ पाता है।
पढ़ते-पढ़ते प्यास बड़े
क्षण क्षण दिल पड़ता जाता है
मोह माया की नींद से
दिल जाग खड़ा उठ जाता है।

जीवन एक किताब है
हर पन्ने इसकी श्वांस
प्रेम कथा है लिखी हुई
मुख ना करे उच्चार।

इन पन्नों में पावन गंगा
भ्रम का मैल धो देती है
इस का जल जब पड़े काग पर
कागा को हंस बना देती है
अज्ञान धूल पड़ी सदियों से
पल में इसको धोती है
जड़ चेतन मूर्ख अज्ञानी
महा ज्ञानी उसे कर देती है।

जीवन एक किताब है
हर पन्ने इसकी श्वांस
प्रेम कथा है लिखी हुई
मुख ना करें उच्चार।

आज मिटा लो जीवन में
जो भरी दिलों में नफरत है
ईश्वर से किताब यह मिली हुई
पर मानव यहाँ नहीं अवगत है।
इन पन्नों में प्रेम दया
भावों के पुष्प यहाँ खिलते हैं
इन पन्नों को वही पढ़ेगा
जिसे सच्चे सतगुरु मिलते हैं।

जीवन एक किताब है
हर पन्ने इसकी श्वांस
प्रेम कथा है लिखी हुई
मुख ना करे उच्चार।