
कंचन वार्ष्णेय
कवयित्री कंचन वार्ष्णेय का जन्म संभल जिले के चंदौसी में हुआ था। बचपन से ही कवयित्री को लिखने का शौक था। स्कूल के समय से ही कवयित्री की रचनाएँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती थी। कवयित्री ने कई पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है। नारी के अस्तित्व के संघर्ष पर कवयित्री ने कई रचनाएँ की है जो विभिन्न अखबारों एवं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। कवयित्री के प्रकाशित साझा काव्य संग्रह किसलय,स्त्री अस्तित्व का संघर्ष,माँ की ममता,जेठ की दुपहरी आदि प्रमुख है।
परिचय
नाम-श्रीमती कंचन वार्ष्णेय
कवयित्री हिंदी साहित्य,व संस्कृत की अध्यापिका हैं ।
पता – B-2/30, यमुना विहार, दिल्ली 110053
कंचन वार्ष्णेय की रचनाएं
- स्त्री
- गर्म रेत सी जिंदगी
- खास हूँ मै!
- मै,मै ही हूँ
- कोई नही है हल यहाँ
- सिर्फ हम थे
- हम टूट कर कई बार बिखरे
- तुम जोड़ना सीखो
- तेरे साथ रहे हैं हम
- जीवन अपना
- एक भाई होना चाहिये
- कोरोना
- वो स्त्री है सब सह लेती है
- पहचान मेरी
- माँ की ममता
- हास्य व्यंग्य
- देश की नारियाँ
- मूक पशु की वेदना
- सब पति प्रेमी नही होते
- हर चुनौती स्वीकार करती हूँ
- माँ
- उम्मीद तेरे लौट आने की
- अपने तो अपने होते हैं
- जो लोग खूब हँसते हैं
- चिड़िया के बच्चे
- किसान कैसे हो सकते हैं!
- आज के दिन
- हम जैसे लोग
- ऐ दिल तू रोता है क्यों बार बार
- तेरा जिन्दगी में होना
- मन आहत है
- कंचन सी बेटियां
- आईना
- तुम
- किताबों की दुनिया
- मैं लिख रही हूँ
- दर्द-ए-मोहब्बत
- इम्तिहान
- आषाढ़ के बादल
- महादेव शिव
- जेठ की दोपहरी
- गाँव
- सच्चे भाई
- आज़ादी का अमृत महोत्सव
- रक्षा बंधन विशेष