खास हूँ मै!

ऐ हवा, कभी तो मेरे दर से गुजर
देख कितनी उदास हूं मैं
संग तेरे मिल जाने को कितनी
खास हूँ मै!

ऐ बहार कभी तो इधर भी रुख़ कर
देख तेरे इंतजार को हूँ मै
संग तेरे मिल जाने को कितनी
खास हूँ मै!

ऐ चांद अपनी चांदनी की ठंडक इधर भी कर
गर्म तपते जिस्म को लेकर इंतजार को हूँ मै
संग तेरे मिल जाने को कितनी
खास हूँ मै!

ऐ चिराग मेरे दिल में भी रोशनी कर
देख अंधेरा दूर होने के इंतजार में हूँ मै
आ मेरे पास थोड़ी देर
संग तेरे मिल जाने को कितनी
खास हूँ मै!