जो लोग खूब हँसते हैं औरों को भी हँसाते हैं असल में वो ही तो जिन्दगी से हारे होते हैं बेवजह जो हर पल मुस्कराते हैं असल में वो टूट चुके होते हैं करते हैं दूसरों को खुश अपना दर्द भूल कर वो मजबूत हो जाया करते हैं। छोटी छोटी खुशियाँ भी दूसरों के साथ मिल कर वो बाँट लिया करते हैं और सिर्फ़ मुस्करा कर दर्द से निजात पा लिया करते हैं खुश रहो ऐ ‘कंचन’ तुम इस जहां में दूसरों को खुश कर सके कोई ऐसे विरलों में अपना नाम हम भी तो पाया करते हैं।