इंतज़ार करते रहो

खयाले-वस्ले-यार करते रहो
यार का इंतजार करते रहो।

अना को रिश्तों में जगह न दो
अयां अपने विचार करते रहो।

ख़्वाब पूरे हों या अधूरे रहें
कोशिशें बार बार करते रहो।

मैं हूँ मशरूफ़-ए-जुस्तजू ऐ सनम
आप चाहो तो वार करते रहो।

जिस में किरदार से खुशबू आए
अमल यूं बेशुमार करते रहो।

मुश्किलें कदमों को बोसा देंगी
जिक्र-ए-परवरदिगार करते रहो।

इश्क़ दे वास्ते उमर है कम
इश्क़ भी ‘शहरयार’ करते रहो।