छोड़ा नही जाता

प्यार में ख्वाब दिखाकर नहीं छोड़ा जाता
किसी को अपना बनाकर नहीं छोड़ा जाता।

लोग क्या सोचेंगे ये सोच बदल दो अपनी
इश्क़ सीने में दबाकर नहीं छोड़ा जाता।

जिंदगी थोड़ा तो चल साथ मेरी मर्जी से
सिर्फ उंगली पर नचाकर नहीं छोड़ा जाता।

वो आसिफा को हो क़ातिल या संस्कृति का
खेल मज़हब का रचाकर नहीं छोड़ा जाता।

अगर हमदर्द हो तो ख़बर रखो मंजिल तक
यूं सिर्फ रस्ता बताकर नहीं छोड़ा जाता।

उजाले चाहते हो तो हिफाजत भी करो
दिया हवा में जलकर नहीं छोड़ा जाता।

अपनी पाकीज़गी संभाल ऐ बिन्त-ए-हव्वा
जिस्म बाज़ार में लाकर नही छोड़ा जाता।

शहरयार सरासर मयखाने की बे-अदबी है
जाम हाथों में उठाकर नहीं छोड़ा जाता।