छोड़ा नही जाता मोहम्मद शहरयार प्यार में ख्वाब दिखाकर नहीं छोड़ा जाताकिसी को अपना बनाकर नहीं छोड़ा जाता।लोग क्या सोचेंगे ये सोच बदल दो अपनीइश्क़ सीने में दबाकर नहीं छोड़ा जाता।जिंदगी थोड़ा तो चल साथ मेरी मर्जी सेसिर्फ उंगली पर नचाकर नहीं छोड़ा जाता।वो आसिफा को हो क़ातिल या संस्कृति काखेल मज़हब का रचाकर नहीं छोड़ा जाता।अगर हमदर्द हो तो ख़बर रखो मंजिल तकयूं सिर्फ रस्ता बताकर नहीं छोड़ा जाता।उजाले चाहते हो तो हिफाजत भी करोदिया हवा में जलकर नहीं छोड़ा जाता।अपनी पाकीज़गी संभाल ऐ बिन्त-ए-हव्वाजिस्म बाज़ार में लाकर नही छोड़ा जाता।शहरयार सरासर मयखाने की बे-अदबी हैजाम हाथों में उठाकर नहीं छोड़ा जाता।