करवा चौथ

आज करवा चौथ के पर्व पर
सुबह सवेरे सर्गी बनायेंगे
तारे की छाँव में इसे खाएंगे
दिन भर बिन खानपान रह जाएंगे।

हाथ में मेंहदी रचा
पहनी सिल्क की साड़ी
धरा अप्सराओं का रूप
ये सुहागिन औरत का व्रत निर्जला
थाल पूजा में दिखे पति का स्वरूप।

करवा चौथ की साँझ
आज हम तुम को संवारेगे
देख लेना तुम गगन का चाँद
मगर हम तुम को निहारेंगे।

पति की उम्र की कामना
शिव पार्वती की सघन आराधना
आज इनके पुण्य के फल से
हम मृत्यु से भी नही हारेंगे।