फिर से सर्दी आई

फिर से सर्दी आई
खाने का तोहफ़ा लाई
गजक, मूंगफली, गजरेला और घेवर
शीत लहर भी दिखाती अपने तेवर
ठंडा पानी लगा रंग जमाने
दाँत लगे भी लगे किटकिटाने
बच्चे भी लगे कंपकपाने
ठंडी से लगे खुद को बचाने
नई नई टोपी और स्वैटर को
लोग गये बाजार से लाने
दिन लगा अब जल्दी जाने
रात लगी अब पैर फैलाने
मूंगफली की चौपाल मे लगे बतियाने
गर्म गर्म दूध पियो बतलाये सयाने।

फिर से सर्दी आई
पहनने को कोट पैंट लाई
साँसे लगी धुँआ उड़ाने
धूप लगी सबको भाने
गरमा गर्म चाय के बीच
सभी लगे खुद को गरमाने।

फिर से सर्दी आई
नानी दादी भी फरमाई
डाल लो अपनी अपनी रजाई
फिर से सर्दी आई।