मन चिंतन

गुम हो जाएं अंधेरे
मन का सूरज चमकता रहे
सबको सुख देने का
दिल में इरादा पलता रहे।

बैर विरोध रखे चाहे
दुनिया तुझसे कितना भी
दिल में रहम का पौधा,
सबके लिए फलता रहे।

कर्महीन होकर बैठना
मत करना तुम स्वीकार
श्रेष्ठ कर्म के लिए तेरी
रगों में रक्त उबलता रहे।

आत्म संशोधन करते जाना
समय निकालकर
रोज तुम्हारा स्वभाव
पवित्र होकर बदलता रहे।

सबके जीवन में कैसे आए
सुख शान्ति भरपूर
तेरे मन बुद्धि में हमेशा
चिन्तन यही चलता रहे

मोहन सदैव करे बिनती
भगवान श्री भोलेनाथ से
नेक कमाई अच्छे विचार का
मन चिंतन बनता रहे॥