नववर्ष

जा रहा गतवर्ष और आ रहा नववर्ष
घर मे बढ़ रही खुशियाँ मन हो रहा हर्ष
उत्साहित हो गए हम उमंगे लगे भरने
कल्पनाओ के पँख से स्वप्न भी लगे पलने।

समय बदल जाए वर्ष भी बदल जाए
मुबारक नववर्ष के लिए हम भी बदल पाए
बधाई पत्र भेजने का साधन भी बदल जाए
गतवर्ष की यादों को फिर भी भुला ना पाए।

नया भाव लाना होगा नया आयाम सजाना होगा
समाज में व्याप्त बुराईयो पर अंकुश लगाना होगा
सेवा समर्पण का मतलब सभी को समझाना होगा
विश्व के समक्ष अपने भारत का मान बढाना होगा।

नववर्ष मे रंग सजाने हैं आकार भरना है
जीवन के हर सपने को साकार करना है
हे ! नववर्ष तेरा स्वागत है, स्वागत है।
“मोहन” कहे तहे दिल से स्वागत है स्वागत है।