बेटियाँ

माँ की परछाई और
पिता का ख्वाब होती हैं बेटियाँ
काँटों के बीच खिलता हुआ
गुलाब होती हैं बेटियाँ
एक मीठी सी मुस्कान
होती हैं बेटियाँ
यह सच है कि
मेहमान होती है बेटियाँ
परंतु हमारे घर में
महकती हैं बेटियाँ
पुत्र घर का है चिराग
तो घर की रौशनी हैं बेटियाँ
पुत्र घर का वंशज
तो दो परिवारो की डोर हैं बेटियाँ
बेटा घर की ताकत
तो घर का सहारा हैं बेटियाँ
बेटा घर का अभिमान
तो परिवार की शान हैं बेटियाँ
कहे ‘मोहन’ सुने सब
हमारे घर की जान होती हैं बेटियाँ।