टूटने के क्रम में सबसे पहले टूटता है भ्रम जम कर टूटता है क्रोध सिसक कर टूटता हैं संवाद चरमरा कर टूटती हैं उम्मीदें चूर हो टूटते हैं रिश्ते छलनी हो कर टूटता है स्नेह घेर कर तोड़ा जाता है मान खनक कर टूटता है सम्मान दम घुट कर टूटता है आत्म सम्मान सिमट कर टूटती है मर्यादा फूट कर टूटता है इंसान सन्नाटे में टूटता है धैर्य और अंत में शांति में टूटती है आत्मा !!