तेरे दिल में ठिकाना है

तेरी आँखों मे बसते हैं, तेरे दिल में ठिकाना है,
भुला कर अब सभी नग़मे, तुझे ही गुनगुनाना है ।

कि हो कर दूर इतने भी, हमेसा पास रहते हो,
तुम्ही बसते हो यादों में, ये हिचकी तो बहाना है ।

कि हर किस्सा छुपा लेना, हमारे प्रीत के हमदम,
मुहब्बत के हैं ये दुश्मन, बड़ा ज़ालिम ज़माना है ।

चली आई ग़ज़ल बन कर, बहर मेरी संवारो तुम,
हमें तो गीत ग़ज़लों में, तुझे सुनना सुनाना है ।

बचे जो अब तलक दिल में, कसक बाहर निकालो तुम,
भुला कर बात बीती सब, ”निधि”  हँसना हँसाना है ।